*जब परमात्मा चेतन सत्ता है तो यह हमें गलत काम करते समय रोकता क्यों नहीं"?*


 🌷 *नमः  शिवाय*  🌷

*गुरुदेव ने सहज प्रवाह में समझाया, "आप तो जानते हैं की आज वैज्ञानिकों ने सिद्ध कर दिया है की एनर्जी (energy ) स्वयं कोई काम नहीं करती, हालाँकि सभी काम उसी के द्वारा होते है. एनर्जी के साथ जो इंस्ट्रूमेंट (instrument) लगाया जाता है, उपकरण लगाया जाता है, काम वह करता है. जैसे बिजली एक एनर्जी है. यह स्वयं कुछ नहीं करती, परन्तु इसके साथ अगर हीटर लगा दें तो गर्मी देने लगती है और कूलर लगा दें तो ठंडक मिलने लगती है. ये ठंडक, गर्मी या रौशनी आदि बिजली पर नहीं, इसके साथ जुड़े उपकरणों पर निर्भर करती है. भले ही यह सभी बिजली के कारण ही चलते हैं, लेकिन ये क्या करते हैं, बिजली का इसमें कोई दखल नहीं. बिजली तो सबमें एक ही है. क्या आप यह चाहते हैं की बिजली गर्मी दे तो ठंडक देने से इनकार कर दे? ऐसा नहीं हो सकता. इसी तरह की यह चेतन सत्ता है. यह स्वयं कुछ नहीं करती, इसके साथ जो जीव रुपी उपकरण लगा होता है, उसके सूक्ष्म गुणों यानी मन, बुद्धि, चित्त और अहंकार के द्वारा कर्म होते हैं. जीव को शक्ति तो यही चेतन सत्ता प्रदान करती है, लेकिन अपने गुणों में विचरते हुए वह स्वतन्त्र रूप से जो कर्म करता है, उसमें यह सत्ता कोई दखल नहीं देती. जीव जैसा कर्म करता है, निरंकार-दातार  शिव-शिवा के विधान के अनुसार वैसा ही फल भोगता है. कर्म की  स्वतन्त्रता के इसी विधान के कारण यह सत्ता (चेतना) हमें कुछ भी करने से रोकती नहीं."*

    🌷  *नमः  शिवाय*   🌷

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