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Protection of Nature

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We all have  to protect  the  Nature Today  due  to  continual  in put of  pollution  the earth  is   converting  to  the dump  ground  of  various  waste material  generated  by  uncontrolled  human  activity . May be  soon  humanity  will be  forced  to buy Oxygen due  to  reduced  percentage of  this life  air  in several  polluted  area . We  have  to  optimize usage  of  plastic in  controlled way  and  adopting  bio degradable  plastic. Discouraging commercial activity  who is serving product in  plastic pack  and  will  have  to  develop some  way  and  mean  to recycle  the packing material or  to  pay special  tax in account  of  environmental damage. Thru  the local administration or Panchyat  max no of tree  to planted in waste land in all  village  and  wherever water body is  nearby. In cultivated farm  crop waste  to  be  buried rather burning  it .     

*जब परमात्मा चेतन सत्ता है तो यह हमें गलत काम करते समय रोकता क्यों नहीं"?*

 🌷 *नमः  शिवाय*  🌷 *गुरुदेव ने सहज प्रवाह में समझाया, "आप तो जानते हैं की आज वैज्ञानिकों ने सिद्ध कर दिया है की एनर्जी (energy ) स्वयं कोई काम नहीं करती, हालाँकि सभी काम उसी के द्वारा होते है. एनर्जी के साथ जो इंस्ट्रूमेंट (instrument) लगाया जाता है, उपकरण लगाया जाता है, काम वह करता है. जैसे बिजली एक एनर्जी है. यह स्वयं कुछ नहीं करती, परन्तु इसके साथ अगर हीटर लगा दें तो गर्मी देने लगती है और कूलर लगा दें तो ठंडक मिलने लगती है. ये ठंडक, गर्मी या रौशनी आदि बिजली पर नहीं, इसके साथ जुड़े उपकरणों पर निर्भर करती है. भले ही यह सभी बिजली के कारण ही चलते हैं, लेकिन ये क्या करते हैं, बिजली का इसमें कोई दखल नहीं. बिजली तो सबमें एक ही है. क्या आप यह चाहते हैं की बिजली गर्मी दे तो ठंडक देने से इनकार कर दे? ऐसा नहीं हो सकता. इसी तरह की यह चेतन सत्ता है. यह स्वयं कुछ नहीं करती, इसके साथ जो जीव रुपी उपकरण लगा होता है, उसके सूक्ष्म गुणों यानी मन, बुद्धि, चित्त और अहंकार के द्वारा कर्म होते हैं. जीव को शक्ति तो यही चेतन सत्ता प्रदान करती है, लेकिन अपने गुणों में विचरते हुए वह स्वतन्त्र र

Pollution in River Ganga

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Being  a  human its  our prime  responsibility  to  protect   the  contamination  in river  Ganga , as in Uttrakhand   the  corporation  are  not  playing  a  leading  role  to  discharge   from  small  town  &  market  area, no  solid  waste   disposed  system  or  in my  notice  any  govt   body   to  ensuring    this  check.  As    the  solid  waste   and  toxic   waste   is  being   disposed  in  dry or  perennial  nala   which is   bringing   those  solid  waste  into   river Ganga  &  This  must  be  protected   either  by  educating  people or  by   enforcing  law .